
K-पॉप का जलवा, पर रॉयल्टी कलेक्शन में भारत से पिछड़ा? जानें क्या है वजह
सियोल: दुनिया भर में K-पॉप का बोलबाला है, लेकिन कोरियाई संगीत कॉपीराइट एसोसिएशन (KOMCA) के लिए एक चिंताजनक खबर आई है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में वैश्विक संगीत कॉपीराइट रॉयल्टी संग्रह में दक्षिण कोरिया 11वें स्थान पर रहा, जो पिछले साल के मुकाबले दो पायदान नीचे है।
CISAC की "ग्लोबल कलेक्शन रिपोर्ट 2025" के मुताबिक, दक्षिण कोरिया ने लगभग 276 मिलियन यूरो (लगभग 465.3 बिलियन वॉन) का संग्रह किया, जो 2.0% की वृद्धि दर्शाता है। इसमें से KOMCA ने लगभग 436.5 बिलियन वॉन जुटाए, जो देश के कुल संगीत रॉयल्टी का लगभग 94% है।
इस गिरावट का मुख्य कारण OTT (ओवर-द-टॉप) और प्रसारण कंपनियों द्वारा उपयोग किए गए संगीत के लिए रॉयल्टी का भुगतान न करना बताया गया है। अनुमान है कि यह बकाया रॉयल्टी लगभग 150 बिलियन वॉन तक पहुंच गई है। अगर यह समस्या हल हो जाती, तो दक्षिण कोरिया न केवल एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पहला स्थान हासिल कर सकता था, बल्कि वैश्विक रैंकिंग में टॉप 10 में भी शामिल हो सकता था।
K-पॉप की वैश्विक लोकप्रियता के बावजूद, यह रॉयल्टी संग्रह में तब्दीली न होना "डिजिटल सेटलमेंट गैप" का परिणाम है। डिजिटल क्षेत्र से आय में 12.2% की वृद्धि हुई है, लेकिन OTT और ब्रॉडकास्टर्स से बकाया भुगतान ने रैंकिंग में सुधार की राह रोके रखी।
रिपोर्ट में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के बढ़ते प्रभाव और कॉपीराइट सुरक्षा पर इसके असर पर भी प्रकाश डाला गया है। अनियंत्रित AI रचनात्मक सामग्री से 25% तक राजस्व छीन सकता है, और AI कंटेंट बाजार 2028 तक 64 बिलियन यूरो तक पहुंचने की उम्मीद है। CISAC ने AI प्लेटफार्मों में पारदर्शिता और कलाकारों को उचित मुआवजा सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है।
KOMCA इस चुनौती से निपटने के लिए 2025 से "AI 대응 TFT" (AI 대응 टास्क फोर्स) का संचालन कर रहा है, जिसमें AI-जनित संगीत के पंजीकरण, डेटा प्रशिक्षण और कानूनी सुधारों पर काम किया जा रहा है।
कोरियाई नेटिज़न्स इस खबर पर मिश्रित प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ का कहना है, "K-पॉप दुनिया में छाया हुआ है, लेकिन हमें अपनी मेहनत का सही मुआवजा मिलना चाहिए।" वहीं, कुछ चिंतित हैं कि "OTT प्लेटफॉर्म्स का यह रवैया हमारे कलाकारों के भविष्य को खतरे में डाल सकता है।"