
ली शी-यॉन्ग की दूसरी संतान पर कानूनी पेंच: पूर्व पति की सहमति के बिना भी क्या हो सकती है सजा?
दक्षिण कोरियाई अभिनेत्री ली शी-यॉन्ग (Lee Si-young) ने हाल ही में अपने पूर्व पति की सहमति के बिना अपनी जमे हुए भ्रूण से दूसरी संतान को जन्म दिया, जिसके बाद से कानूनी सवाल उठ रहे हैं। YTN रेडियो पर एक कानूनी विशेषज्ञ ने इस मामले पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अभिनेत्री के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की संभावना कम है।
कानून के अनुसार, भ्रूण निर्माण के समय दंपति की सहमति आवश्यक होती है, लेकिन भ्रूण प्रत्यारोपण के समय पुनः सहमति लेने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में, यदि भ्रूण निर्माण के समय 'प्रत्यारोपण योग्य' होने का उल्लेख था, तो इसे निहित सहमति माना जा सकता है।
चूंकि यह प्रत्यारोपण तलाक के बाद हुआ, इसलिए बच्चे को कानूनी रूप से पूर्व पति का 'अवैध बच्चा' माना जाएगा, जब तक कि पिता इसे स्वीकार न कर लें। हालांकि, पूर्व पति ने पहले ही पिता के रूप में जिम्मेदारी लेने की बात कही है, इसलिए कानूनी मान्यता मिलने पर वे पिता के सभी अधिकार और कर्तव्य निभा सकेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पूर्व पति ने भ्रूण निर्माण के समय सहमति दी थी, तो प्रत्यारोपण को लेकर उन्हें दोषी ठहराना मुश्किल है। जब तक उन्होंने अस्पताल को स्पष्ट रूप से विरोध दर्ज नहीं कराया हो, तब तक कानूनी विवाद की संभावना न के बराबर है।
इस मामले ने उन माताओं के लिए कानूनी सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया है, जिनके बच्चे के जन्म के तुरंत बाद पिता की कानूनी स्थिति स्पष्ट नहीं होती है। 43 वर्षीय ली शी-यॉन्ग ने जुलाई में दूसरी बार गर्भवती होने की घोषणा की थी, जिसके कुछ महीने पहले ही उनका तलाक हुआ था।
कोरियाई नेटिज़न्स इस खबर पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग ली शी-यॉन्ग की हिम्मत की सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग कानूनी जटिलताओं पर चिंता जता रहे हैं। 'यह तो बहुत जटिल मामला है!', 'बच्चे के भविष्य के लिए सब ठीक हो जाए, यही दुआ है।'